Ad

vegetable price

सरकार टमाटर की तरह नही बढ़ने देगी प्याज के दाम

सरकार टमाटर की तरह नही बढ़ने देगी प्याज के दाम

आजकल टमाटर और अदरक के भाव बढ़ने से लोगों को लगता है, कि प्याज की कीमतों में भी इजाफा होगा। उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने रविवार को बताया है, कि सरकार ने 3 लाख टन प्याज खरीदा है, जो पिछले साल के बफर स्टॉक से 20 प्रतिशत ज्यादा है। 

प्याज की लाइफ बढ़ाने के लिए भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी) के साथ प्याज पर रेडिएशन का परीक्षण भी किया जा रहा है। गगनचुंबी टमाटर की कीमतों ने संपूर्ण भारत को हिलाकर रख दिया है। 

ऐसे में प्याज को लेकर अभी से तैयारी करनी चालू कर दी है, जिससे आने वाले दिनों में प्याज की कीमतों में कोई बदलाव देखने को नहीं मिले। उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने रविवार को बताया है, कि सरकार ने 3 लाख टन प्याज खरीदी है, जो कि विगत वर्ष के बफर स्टॉक से 20 प्रतिशत ज्यादा है। 

साथ ही, प्याज की निजी जिंदगी बढ़ाने के लिए भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी) के साथ प्याज पर रेडिएशन का परीक्षण भी किया जा रहा है। वित्त वर्ष 2022-23 में सरकार ने बफर स्टॉक के रूप में 2.51 लाख टन प्याज रखा था।

प्याज का 3 लाख टन का भरपूर भंडारण

अगर कम आपूर्ति वाले मौसम में कीमतें बेहद बढ़ जाती हैं, तो किसी भी आपात परिस्थिति को पूरा करने के लिए प्राइस स्टेबलाइजेशन फंड (पीएसएफ) के अंतर्गत बफर स्टॉक तैयार किया जाता है। 

रोहित सिंह का कहना है, कि त्योहारों के मौसम में किसी भी हालात से जूझने के लिए, सरकार ने इस वर्ष 3 लाख टन तक का मजबूत भंडारण विकसित किया है। प्याज को लेकर कोई परेशानी नहीं है। भरपूर भंडारण हेतु जो प्याज खरीदा गया है, वह वर्तमान में समाप्त हुए रबी सीजन का है। 

ये भी पढ़े: जानें टमाटर की कीमतों में क्यों और कितनी बढ़ोत्तरी हुई है

खरीफ सीजन में प्याज की बुवाई

आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि भारत के विभिन्न इलाकों में प्याज की बुवाई शुरू हो चुकी है। जिसकी फसल की आवक अक्टूबर माह में आनी चालू हो जाएगी। 

वर्तमान दौर में प्याज की खरीद हाल ही में निकले रबी सीजन से की जा रही है। वर्तमान में खरीफ प्याज की बिजाई चल रही है। बतादें, कि अक्टूबर में इसकी आवक चालू हो जाएगी। 

सचिव ने बताया है, कि सामान्य तौर पर खुदरा बाजारों में प्याज का भाव 20 दिनों अथवा उसके समीपवर्ती दबाव में रहती हैं। जब तक कि ताजा खरीफ फसल बाजार में नहीं आ जाती। परंतु, इस बार कोई दिक्कत नहीं होगी।

इस तरह बढ़ जाएगी प्याज की जीवनावधि

परमाणु ऊर्जा विभाग एवं भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के साथ मिलकर उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय इस मध्य प्याज भंडारण के लिए एक तकनीक का परीक्षण कर रहा है। 

रोहित सिंह ने बताया है, कि पायलट बेस पर हम महाराष्ट्र के लासलगांव में कोबाल्ट-60 से गामा रेडिएशन के साथ 150 टन प्याज पर इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे प्याज की जीवनावधि बढ़ जाएगी। 

2022-23 में सरकार ने पीएसएफ के अंतर्गत रबी-2022 फसल से रिकॉर्ड 2.51 लाख मीट्रिक टन प्याज की खरीद की थी। वहीं, इसे सितंबर 2022 और जनवरी 2023 के दौरान प्रमुख उपभोक्ता केंद्रों में जारी किया था। 

ये भी पढ़े: गर्मियों के मौसम में ऐसे करें प्याज की खेती, होगा बंपर मुनाफा

भारत में सबसे सस्ता प्याज मिलता है

भारत का 65 प्रतिशत प्याज उत्पादन अप्रैल-जून के दौरान काटी गई रबी प्याज से होता है। यह अक्टूबर-नवंबर में खरीफ फसल की कटाई होने तक उपभोक्ताओं की मांग को पूर्ण करता है। 

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 15 जुलाई को देश में सबसे सस्ता प्याज 10 रुपये प्रति किलोग्राम के साथ नीमच में मिल रहा था। साथ ही, नगालैंड के शेमेटर शहर में सबसे मंहगा प्याज 65 रुपये किलो पर मिल रहा है। भारत में प्याज का औसत भाव 26.79 रुपये प्रति किलोग्राम देखने को मिला था।

नींबू, भिंडीऔर धनिया पत्ती की कीमतों में अच्छा खासा उछाल आया है 

नींबू, भिंडीऔर धनिया पत्ती की कीमतों में अच्छा खासा उछाल आया है 

दिल्ली में मयूर विहार के साप्ताहित बाजार में सब्जियों का व्यवसाय करने वाले सुरेंद्र कुमार का कहना है, कि सब्जियों की कीमत विगत सप्ताह अधिक बढ़ी हैं। टमाटर को छोड़ दीजिए, तब समस्त सब्जियों की कीमत दोगुनी हो जाएगी।  बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि का प्रभाव फिलहाल सब्जियों की कीमत पर भी दिखाई देने लगा है। विशेष रूप से दिल्ली- एनसीआर में हरी सब्जियों की कीमत में आग लगी हुई है। बतादें, कि नींबू 250 से 300 रुपये किलो के हिसाब से बिक रहा है। ऐसी स्थिति में आम जनता के लिए नींबू खरीदना फिलहाल बेहद कीमती वस्तु खरीदने के समरूप साबित हो रहा है। दरअसल, इसके अतिरिक्त बाकी हरी सब्जियों की कीमतों में भी खूब वृद्धि देखने को मिली है।  वास्तविकता में विगत माह थम-थम कर हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पंजाब समेत बहुत सारे राज्यों में ओलावृष्टि समेत मूसलाधार बेमौसम वर्षा दर्ज की गई है। इसकी वजह से खेतों में लहलहा रही गेहूं की फसल समेत हरी सब्जियां भी बर्बाद हो चुकी हैं। इससे उत्पादन पर काफी असर देखने को मिला है, जिसका प्रभाव अब दिल्ली की गाजीपुर सब्जी मंडी में भी दिखाई पड़ रही है। इसके चलते यहां पर हरी सब्जियों की आवक पूर्व की तुलना में कम हो गई है। गाजीपुर सब्जी मंडी के सचिव मनोज कुमार के अनुसार, मंडी में ही हरी सब्जियां कम दिखाई पड़ रही हैं। उनके बताने के अनुसार, बेमौसम बारिश की वजह से विशेषकर  पत्तियों वाली सब्जियां काफी प्रभावित हुई हैं। 

भिंडी 130 से 150 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेची जा रही है 

मनोज कुमार ने बताया है, कि आवक पर असर पड़ने की वजह से नींबू की कीमतों पर सर्वाधिक प्रभाव पड़ा है। थोक बाजार में बेहतरीन गुणवत्ता वाले नींबू की  कीमत 125 से 150 रुपये किलो पर पहुंच गया है। वहीं, यही नींबू खुदरा बाजार में 50 से 70 रुपये पाव के हिसाब से विक्रय किया जा रहा है। इसी प्रकार भिंडी की बढ़ती कीमत भी आम जनता को रूला रही है। मतलब कि साप्ताहिक बाजार में इसका भाव 30 से 40 रुपये पाव है। ऐसी स्थिति में आम जनता को एक किलो भिंडी हेतु 130 से 150 रुपये का खर्चा करना पड़ रहा हैं। 

धनिया पत्ती की कीमतों में भी काफी बढ़वार  

मयूर विहार के साप्ताहित बाजार में सब्जियों का व्यवसाय करने वाला सुरेंद्र कुमार कहता है, कि सब्जियों के भावों में विगत सप्ताह से उछाल देखने को मिल रही है। केवल टमाटर को छोड़कर समस्त सब्जियों के मूल्यों में दोगुनी वृद्धि देखने को मिली है। उन्होंने बताया है, कि सब्जियों की कीमत में वृद्धि होने से उनकी आमदनी में गिरावट देखी जा रही है। महंगाई की वजह से मांग में गिरावट आती है, इसलिए लोग कम खरीददारी करते हैं। साथ ही, धनिया की पत्ती केवल एक सप्ताह पूर्व 10 से 20 रुपये किलो के हिसाब से बिक रही थी। आज इसके भाव 20 से 30 रुपये पाव पर पहुँच गए हैं।  यह भी पढ़ें: जानें किस वजह से धनिया के भाव में हुई 36 रुपए की बढ़ोत्तरी, फिलहाल क्या हैं मंडी भाव

गर्मी के बढ़ते ही कीमतों में भी बढ़ोत्तरी होगी 

दुकानदार मोहम्मद खालिद के अनुसार, रमजान के समय नींबू की मांग में वृद्धि देखने को मिली है। एक नींबू का भाव 5 रुपये तक हो चुका है। उन्होंने बताया है, कि जैसे- जैसे गर्मी में इजाफा होगा सब्जियों की कीमत में भी वृद्धि होगी। गाजीपुर मंडी के सचिव के मुताबिक, आलू एवं प्याज की कीमतें ज्यों की त्यों हैं। उसमें कोई खास अंतर देखने को नहीं मिला है।
टमाटर, अदरक के साथ साथ इन सब्जियों के भी बढ़ गए दोगुने दाम

टमाटर, अदरक के साथ साथ इन सब्जियों के भी बढ़ गए दोगुने दाम

भारत की राजधानी दिल्ली में टमाटर अब 200 से भी ज्यादा हो गया है। इसी प्रकार अदरक, भिंडी एवं शिमला मिर्च की कीमतें भी बढ़ चुकी हैं। जैसा कि हम सब जानते हैं, कि मानसून के दस्तक देते ही महंगाई रॉकेट की गति से बढ़ गई है। बतादें कि टमाटर के पश्चात वर्तमान में अदरक, प्याज और लहसुन समेत विभिन्न सब्जियां काफी महंगी हो गई हैं। इसकी वजह से आम जन मानस की थाली से विटामिन्स से भरपूर डिशेज विलुप्त हो गई हैं। महंगाई का कहर यहां तक है, कि 30 से 40 रुपए में उपलब्ध होने वाली हरी-सब्जियां ही खरीदना बंद कर दिया है। अब उसके स्थान पर वह चना सोयाबीन और आलू की सब्जियॉं खाकर अपने पेट का भरण पोषण करते हैं।

टमाटर की कीमतें 200 से भी ऊपर हुई

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में टमाटर 200 रुपये किलो से भी अधिक महंगा हो गया है। अदरक की तो चर्चा करना ही छोड़ दीजिए। यह 320 रुपये किलो हो गया है। जनता भाव सुनकर ही सब्जियों की दुकान से दूरियां बना ले रहे हैं। विशेष बात यह है, कि दिल्ली में इतनी महंगी सब्जियां तब है, जबकि यहां पर उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब और उत्तराखंड से खाद्य पदार्थों की आपूर्ति होती है। ये भी पढ़े: इन राज्यों में 200 रुपए किलो के टमाटर को राज्य सरकार की मदद से 60 रुपए किलो में बेचा जा रहा है

धनिया हुआ 100 के भाव

ओखला सब्जी मंडी में टमाटर के अतिरिक्त बाकी सब्जियों की कीमतों में दोगुना से ज्यादा की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। अगर हम बात दिल्ली के रिटेल मार्केट की करें, तो यहां पर सब्जियों की कीमत सांतवें आसमान पर पहुंच गई है। टमाटर 220 रुपए तो शिमला मिर्च 100 से 110 रुपए किलो बिक रही है। यही स्थिति धनिया के साथ भी है। 40 से 50 रुपये किलो खुदरा मार्केट में बिकने वाले धनिया की कीमत 100 रुपए तक पहुँच चुकी है।

इन सब्जियों की बढ़ी कीमत

इसी प्रकार खीरे की कीमत में भी आग लग चुकी है। जो खीरा एक महीने पहले तक 20 रुपये किलो था, अब इसकी कीमत में दोगुना से भी ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। लोगों को एक किलो खीरा खरीदने पर 40 से 50 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। इसी प्रकार भिंडी भी 50 रुपये किलो हो गई है। विशेष बात यह है, कि फूलगोभी तीन गुना महंगा हो गया है। जानकारी के लिए बतादें, कि 30 से 35 दिन पहले तक फूलगोभी 40 रुपये किलो था। वर्तमान में फूलगोभी कीमत 120 रुपये किलो हो गई है। इस कड़ी में 80 रुपये किलो नींबू 100 रुपये किलो हरी मिर्च और 60 रुपये किलो करेला बिक रहा है।